मणिपुर : एक परिचय
प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण
मणिपुर का अपना एक प्राचीन एवं समृद्ध इतिहास है | मणिपुर के नामकरण के संदर्भ में
जहाँ पौराणिक कथाओं से उसका संबंध जोड़ा जाता है, वहीँ से प्राप्त तथ्यों से यह
प्रमाणित होता है कि प्राचीन काल में पडोसी राज्यों द्वारा मणिपुर को विभिन्न नामों से पुकारा जाता था | जैसे
बर्मियों द्वारा कथे, असमियों द्वारा मोगली,मिक्ली आदि | इतिहास से भी यहाँ पता
चलता है की मणिपुर को मैत्रबाक, कन्ग्लेइपुन्ग या पोंथोक्लम आदि नामों से भी जाना
जाता था |
इस भूमि पर प्रथम शासक के रूप में
नोंदा लाइरेन पकंबा ने १२० वर्षों (33-154
ई ) तक शासन किया | आगे जाकर मणिपुर के महाराज कियाम्बा ने 1467, खागेम्बा
ने 1597, चराइरोंबा ने 1698, गरीबनिवाज ने
1714, भाग्यचन्द्र (जयसिंह) ने 1763, गम्भीर सिंह ने 1825 को शासन किया | इन जैसे
महँ वीर महाराजाओं ने शासन कर मणिपुर की सीमाओं की रक्षा कीं| 24 अप्रैल, 1891 के
खोंगजोम युद्ध (एंग्लो मणिपुरी वार ) हुआ जिसमें मणिपुर के बीर सेनानी पाओना
ब्रजवासी ने अंग्रेजों के हाथों से अपने मातृभूमि की रक्षा करते हुए वीर गति प्राप्त
की | अगले दिन से मणिपुर का ध्वज अंग्रेजों के आधीन हो गया | 1947 में जब अंग्रेजों
ने मणिपुर छोड़ा तब से मणिपुर का शासन महाराज बोधचन्द्र के कन्धों पर पड़ा | 21
सितम्बर1949 को हुई विलय संधि के बाद 15 अक्टूबर 1949 से मणिपुर भारत का अंग बना है | भारत सरकार ने
मणिपुर को चीफ-कमिश्नर के अंतर्गत केंद्र
शासित पार्ट-सी स्टेट का दर्जा दिया | 21 जनवरी 1972 से मणिपुर को पूर्ण राज्य का
स्तर प्राप्त हुआ |
यहाँ मणिपुर के संबंध में कुछ
तथ्यों का उल्लेख करना समीचीन है -मणिपुर भारत की
पूर्वोत्तर सीमा पर स्थित ऐसा राज्य है. जिसका क्षेत्र फल 22,356 वर्ग किलो मीटर
है | जिसका 90% क्षेत्र पर्वतीय और 10% क्षेत्र
समतल है | 2011 की जनगणना के अनुसार मणिपुर
की जन संख्या 27,21,756 है, जिसमें पुरुष की संख्या 13,69,764 और महिलाओं की
13,51,992 संख्या बताई गई है | साक्षरता 79.85% है | यह राज्य अक्षांश 23.50 (उत्तर) से 25.41 (उत्तर) तक और
देशांतर 93.2(पूर्व) से 94.47 (पूर्व) के बीच पड़ता है | यह समुद्र तल से 790 से
2020 मीटर तक की ऊँचाई पर स्थित है | मणिपुर की सीमा उत्तर में नागालैंड, पश्चिम
में असम, दक्षिण में मिजोरम राज्य और पूरब में म्यान्मार (बर्मा) देश से जुडी है |
मणिपुर के प्रशासनिक कार्य को सुगम बनाने के
लिए इस राज्य को नौ जिलो और 38 उपखंडों में विभक्त किया गया है | वे नौ जिले हैं –
विष्णुपुर, चांदेल, चूड़चंदपुर, इम्फाल वेस्ट, इम्फाल ईस्ट, सेनापति, तमेंगलोंग,
थौबल और उख्रुल | इनमें से विष्णुपुर, थौबल, इम्फाल ईस्ट और इम्फाल वेस्ट घाटी में
और शेष मणिपुर के पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित है |
मणिपुर राज्य की राजधानी इम्फाल है | राज्य
चिह्न कन्गलाशा, राज्य पशु शंगाई (वैज्ञानिक नाम : Cervus
eldi eldi Mclelland), राज्य पक्षी –
नोंगीन (वैज्ञानिक नाम : Syrmaticus humiae humiae), राज्य पुष्प – सिरोई लिली (वैज्ञानिक नाम : Lilium
Mackliniae sealy), राज्य खेल – शगोल
कांगजै है |
घटी के दक्षिण भाग में विश्व
प्रसिद्ध लोक्ताक झील है | इस झील के दक्षिणी किनारे पर कैबुल लमजाओ एक द्वीप उधान
स्थित है जो विश्व के दुर्लभ प्राणी – संगाई नमक हिरन का निवास स्थान है |
श्री श्री गोविन्दजी मंदिर, कंग्ला गढ़, मणिपुर जूलॉजिकल गार्डन, लान्ग्थ्बल
कायना, लैमराम के साडू चिरु वाटर फॉल, सिंगदा दाम, कैबुलामजाओ, लोक्तक झील,
मोइरांग, कक्चिंग, अन्द्रो लौकोइपत , उख्रुल के सिरोई पर्वत, विष्णुपुर, कौब्रु
लैखा आदि मणिपुर के दर्शनीय स्थल है |
इस प्रकार मणिपुर एक ऐसा पुराण,
समाज, संकृति, प्रकृति की अपार संपल है | नौ पर्वत शृंखलाएँ इसकी भौगोलिक और
सांस्कृतिक संपत्ति की रक्षा करती है | जन जीवन और जीने के शैलियों की दृष्टि से
इस राज्य में अपार-वैविध्य है | इतना ही नहीं मणिपुर के पास भाषा और साहित्य की
चेतना भ विलक्षण है |